Nojoto: Largest Storytelling Platform

कड़वा सच छोड़ तो सकता हूँ, मगर.. छोड़ नहीं पाता

कड़वा सच 


छोड़ तो सकता हूँ,

मगर..

छोड़ नहीं पाता उसे,

वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई..

आदत की तरह है.. आदत है
कड़वा सच 


छोड़ तो सकता हूँ,

मगर..

छोड़ नहीं पाता उसे,

वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई..

आदत की तरह है.. आदत है