अहमदाबाद बम धमाकों के लिए जिम्मेदार 38 दोषियों की मौत और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के लिए साथ ही आतंक के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई के आगे बढ़ती देख लेकिन इनकी अनदेखी नहीं की जा सकती यह फैसला आने में 14 साल लग गए हैं अभी यहीं कठिन है कि विशेष अदालत में यह निर्णय भी उच्च अदालतों में चुनौती दी जाएगी अब वह तब उसका निर्माण कब होगा स्पष्ट होगा ऐसी व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त जिम्मेदारी की जरूरत है आतंक से जुड़े मामलों का निस्तारण कर दिया गया है वैसे भी आतंकी घटनाओं से जुड़ा पहला मामला नहीं जिससे सजा सुनाने में इतना समय लगाओ 2018 में अहमदाबाद में 21 स्थानों पर भीषण बमबारी धमाकों में 1993 के मुंबई के सिलसिलेवार बम विस्फोट की याद दिला देती है आतंकियों ने अहमदाबाद के साथ ही पूर्व को भी देर आने की साजिश रची थी लेकिन वह रखे गए बम किसी कारण फटे नहीं पाए थे 56 लोगों की जान लेना और 200 से अधिक लोगों को लहूलुहान करने वाली अहमदाबाद की आतंकी घटना सिमी और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों की ओर से अंजाम दी गई थी यह इंडियन मुजाहिदीन के दूतावास की ओर प्रकट की थी इसे आतंकी घटना की जिम्मेदारी अपने सिर लेने की तनिक भी देरी नहीं की थी इस पुकार संगठन के आतंकी अहमदाबाद के पहले मुंबई दिल्ली वाराणसी समेत देश के अन्य शहरों में भी बम विस्फोट कर कर निर्दोष लोगों की जान ले चुके हैं ©Ek villain #आतंक से लड़ाई भारत की #selflove