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एक शाम खुदी के साथ बिताई है मैंने, खुद की मोहब्बत

एक शाम खुदी के साथ बिताई है मैंने,
खुद की मोहब्बत खुदी से जताई है मैंने।

मेरे दिल ने कहा कितनी बदल गई है तू,
दिमाग भी बोला पहले जैसी नही रही तू,
क्यूँ कम हँसती है,ज्यादा रोती है किसलिए,
खुद की सारी शिकायतें खुदी से बताई है मैने।

रूह ने कहा कितनी तकलीफ दी है तूने मुझे,
ज़िस्म बोला किसलिए इतना सताया है तूने मुझे,
होंठ कापने लगे,कान तो जैसे सुन्न ही हो गए,
आंखों से भी उनकी व्यथा सुनी है मैंने।

ज़िन्दगी बोली क्या ऐसे ही जियेगी तू मुझे,
सांसे बोली क्यूँ अक्सर थाम लेती है तू मुझे,
धड़कने भी सहमी और रोकर कहने लगीं,
ज़िन्दगी की थरथराहट भी महसूस की है मैंने।

एक शाम खुद के साथ बिताई है मैंने। "एक शाम खुद के साथ"
#nojotofamily #nojotolove #nojotopoetry #mythoughts
एक शाम खुदी के साथ बिताई है मैंने,
खुद की मोहब्बत खुदी से जताई है मैंने।

मेरे दिल ने कहा कितनी बदल गई है तू,
दिमाग भी बोला पहले जैसी नही रही तू,
क्यूँ कम हँसती है,ज्यादा रोती है किसलिए,
खुद की सारी शिकायतें खुदी से बताई है मैने।

रूह ने कहा कितनी तकलीफ दी है तूने मुझे,
ज़िस्म बोला किसलिए इतना सताया है तूने मुझे,
होंठ कापने लगे,कान तो जैसे सुन्न ही हो गए,
आंखों से भी उनकी व्यथा सुनी है मैंने।

ज़िन्दगी बोली क्या ऐसे ही जियेगी तू मुझे,
सांसे बोली क्यूँ अक्सर थाम लेती है तू मुझे,
धड़कने भी सहमी और रोकर कहने लगीं,
ज़िन्दगी की थरथराहट भी महसूस की है मैंने।

एक शाम खुद के साथ बिताई है मैंने। "एक शाम खुद के साथ"
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