चलो आज अपने कहने वाले, अपनों को, अपनी ही, याद दिलाते है, क्या हुआ , हम ही थोड़े बेशर्म बन जाते है। चलो आज अपने कहने वाले, अपनों को, अपनी ही, याद दिलाते है, क्या हुआ , हम ही थोड़े बेशर्म बन जाते है। ©हर्षित कश्यप