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श्रीमद्भगवद्गीता प्रकृतेः क्रियमाणानि गुणैः कर्माण

श्रीमद्भगवद्गीता
प्रकृतेः क्रियमाणानि गुणैः कर्माणि सर्वशः ।
अहङ्कारविमूढात्मा कर्ताऽहमिति मन्यते ।।
-Bhagvadgita 3.27-
Action is the product of the Qualities inherent in Nature. It is only the ignorant
man who, misled by personal egotism, says: I am the doer...
सम्पूर्ण कर्म सब प्रकारसे प्रकृतिके गुणोंद्वारा किये जाते हैं, परन्तु अहंकारसे मोहित
अन्तःकरणवाला अज्ञानी मनुष्य 'मैं कर्ता हूँ' -- ऐसा मानता है।

©KhaultiSyahi #sunlight #Action #wordgasm #words 
#khaultisyahi #Life #Life_experience #praytoparmatma #Reality #realityoflife
श्रीमद्भगवद्गीता
प्रकृतेः क्रियमाणानि गुणैः कर्माणि सर्वशः ।
अहङ्कारविमूढात्मा कर्ताऽहमिति मन्यते ।।
-Bhagvadgita 3.27-
Action is the product of the Qualities inherent in Nature. It is only the ignorant
man who, misled by personal egotism, says: I am the doer...
सम्पूर्ण कर्म सब प्रकारसे प्रकृतिके गुणोंद्वारा किये जाते हैं, परन्तु अहंकारसे मोहित
अन्तःकरणवाला अज्ञानी मनुष्य 'मैं कर्ता हूँ' -- ऐसा मानता है।

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sallyraand9713

KhaultiSyahi

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