ग़ालिब खस्ता के बगैर कोनसे काम बंद है रोईए जार जार क्या कीजिये हाय हाय क्यूं? चेहरे पर ख़ुशी दिल में दर्द ज़िन्दा रखिए, कि ये वो लोग नहीं ग़ालिब जिनसे भाईचारा कीजै!! समझकर होशियरियाँ नादां बने रहिए, उन्हें गिरने का मौका बार बार दीजै!! इंसानों से ज्यादा साँप गिरगिट बसते हैं जहाँ में, काटने को ज़हर, जहर का साथ लीजै!!