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मेरे होठों पे खिलखिलाती है । और चहरे से झिलमिलाती

मेरे होठों पे खिलखिलाती है ।
और चहरे से झिलमिलाती  है ।
एक मस्ती में डूब  जाती हूँ ,
याद जब - जब भी उनकी आती है।।
अंजली श्रीवास्तव

©Anjali Srivastav मेरे होठों पे खिलखिलाती है ।
और चहरे से झिलमिलाती  है ।
एक मस्ती में डूब  जाती हूँ ,
याद जब - जब भी उनकी आती है।।
#अंजली #श्रीवास्तव
#poem 
मेरे होठों पे खिलखिलाती है ।
और चहरे से झिलमिलाती  है ।
एक मस्ती में डूब  जाती हूँ ,
याद जब - जब भी उनकी आती है।।
अंजली श्रीवास्तव

©Anjali Srivastav मेरे होठों पे खिलखिलाती है ।
और चहरे से झिलमिलाती  है ।
एक मस्ती में डूब  जाती हूँ ,
याद जब - जब भी उनकी आती है।।
#अंजली #श्रीवास्तव
#poem