घर को अंधेरे से निजात दिलाता किस तरह? ख़्वाब ही बचे थे ख़्वाब जलाता किस तरह? कुछ सांसे देकर फूंक दी माँ ने चूल्हे में जान वरना बाप अकेला घर चलाता किस तरह? नमक लिए फिरते है मुठ्ठी में लोग यहाँ पर तुम ही कहो? कि ज़ख़्म दिखाता किस तरह? वो आएगा इक दिन तेरे पास खुद से चल के ये दिलासा हर बार खुद को दिलाता किस तरह? #daastaneishq