मैं अकेले ही जिये जा रहा हूँ... शहर दर शहर चले जा रहा हूँ ... मौत तो मुअय्यन है आ जायेगी दिलों की सरहदों की अनहदों तक , मैं... जिये जा रहा हूँ... जिये जा रहा हूँ...! मैं अकेले ही जिये जा रहा हूँ... शहर दर शहर चले जा रहा हूँ ... मौत तो मुअय्यन है आ जायेगी दिलों की सरहदों की अनहदों तक , मैं... जिये जा रहा हूँ... जिये जा रहा हूँ...!