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मैं अकेले ही जिये जा रहा हूँ... शहर दर शहर चले जा

मैं अकेले ही जिये जा रहा हूँ...
शहर दर शहर चले जा रहा हूँ ...

मौत तो मुअय्यन है आ जायेगी 
दिलों की सरहदों की अनहदों तक ,
मैं...

जिये जा रहा हूँ...
जिये जा रहा हूँ...! मैं अकेले ही जिये जा रहा हूँ...
शहर दर शहर चले जा रहा हूँ ...

मौत तो मुअय्यन है आ जायेगी 
दिलों की सरहदों की अनहदों तक ,
मैं...
जिये जा रहा हूँ...
जिये जा रहा हूँ...!
मैं अकेले ही जिये जा रहा हूँ...
शहर दर शहर चले जा रहा हूँ ...

मौत तो मुअय्यन है आ जायेगी 
दिलों की सरहदों की अनहदों तक ,
मैं...

जिये जा रहा हूँ...
जिये जा रहा हूँ...! मैं अकेले ही जिये जा रहा हूँ...
शहर दर शहर चले जा रहा हूँ ...

मौत तो मुअय्यन है आ जायेगी 
दिलों की सरहदों की अनहदों तक ,
मैं...
जिये जा रहा हूँ...
जिये जा रहा हूँ...!
parvezalam5944

Parvez Alam

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