इश्क़ का अंजाम ज़हर है ये जाम🍸पता है सब को इश्क़ का अंजाम पता है सब को ये भी मालूम है महबूब से बिछड़ना है, और रोना है हर एक शाम पता है सबको इश्क़ का अंजाम पता है सबको।। अरमान इश्क़ का अंजाम by #Arman___beautiful___poetry शिवम् गुप्त