ए आफ़ताब थोड़ा संभल,, मेरी महबूबा दरिचे पे है थोड़ा तो रेहम कर यूँ ना मेरी महजबीं को तंग कर..! 【आफ़ताब- सूरज दरिचे- खिड़की, छोटा दरवाज़ा महजबीं- चांद सी खूबसूरत】 #yqbaba #yqdidi #yqtales #shayari #urdu #urdushayari #yqbhaijan #philosophy