White *एक दर्पण अपनी* *काबिलियत कभी* *नहीं बदलता है,* *फिर चाहे वो....* *दो टुकड़ो में टूट* *जाए,* *या हजार टुकड़ों मे* *इसलिए....* *अपने अच्छॆ बर्ताव* *को कभी न बदले* *चाहे परिस्थिति कैसी* *भी क्यों न हो......* 🙏🏻🙏🏻 *सुप्रभात*🙏🏻🙏🏻 ©Harish Choudhary #good_evening_images आज का विचार