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इजहार-ए-मोहब्बत कर लो हमसे या इनकार-ए-मोहब्बत कर द

इजहार-ए-मोहब्बत कर लो हमसे या इनकार-ए-मोहब्बत कर दो
कशमकश में रहता है हर पल मेरा यह दिल कोई तो फैसला कर दो।

मेरे ख़्वाबों के पहरेदार बनके बैठे हो कोई और ख़्वाब आता भी नहीं
मेरे ख़्वाबों में ही बस कर रहते हो क्यों ख़्वाबों को हकीकत कर दो।

इंतजार की घड़ियांँ खत्म करके मेरी मुझसे चाहत का इकरार कर लो,
जानते हैं चाहते हो तुम मुझे मुझसे भी ज्यादा एक बार लबों से कह दो। ♥️ Challenge-513 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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इजहार-ए-मोहब्बत कर लो हमसे या इनकार-ए-मोहब्बत कर दो
कशमकश में रहता है हर पल मेरा यह दिल कोई तो फैसला कर दो।

मेरे ख़्वाबों के पहरेदार बनके बैठे हो कोई और ख़्वाब आता भी नहीं
मेरे ख़्वाबों में ही बस कर रहते हो क्यों ख़्वाबों को हकीकत कर दो।

इंतजार की घड़ियांँ खत्म करके मेरी मुझसे चाहत का इकरार कर लो,
जानते हैं चाहते हो तुम मुझे मुझसे भी ज्यादा एक बार लबों से कह दो। ♥️ Challenge-513 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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