हमारे होश में आए कुछ ही वक़्त हुआ था कि लोग कहने लगे मुझसे तुम्हारा मर जाना ही बेहतर था। तुम जिसे जान समझा करता था वो कफ़न और फूल छोड़ गई तुम्हरे लिए। मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया चलो अच्छा हुआ जीने का बजह तो पता चल गया । कंबतख अब तो हर दिन मारना पड़ेगा उनके एक मुलाकात के लिए। एक मुलाकात