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युगों से शौर्य की अमिट निशानी हूँ ! पहचानो मुझे क

युगों से शौर्य की अमिट निशानी हूँ ! 
पहचानो मुझे कि मैं हल्दीघाटी हूँ!! 
खून से हुई लाल जहाँ की भूमि
वीरों के रक्त से बनी मैं रक्त तलाई हूँ!!
अकबर का घटा "मान "  और
प्रताप का बढ़ा प्रताप जहाँ
जहाँ है चेतक की स्वामीभक्ति 
झाला मान के बलिदान की कहानी हूँ 
पहचानो मुझे कि मैं हल्दीघाटी हूँ...!!! 18 जून 1576 हल्दीघाटी का युद्ध दिवस....  वो युद्ध जिसके कारण अकबर का मेवाड जितने का सपना अधूरा रह गया.... जाने कौन वो इतिहासकार हैं जो कहते हैं कि इसमें महाराणा प्रताप की हार हुई थी जबकि मेवाड के मुट्ठी भर वीरों ने अकबर की तथा कथित महान सेना को पीछे खदेड़ दिया था और युद्ध अनिर्णित रहा.... अकबर जो अपने शासन काल में  शायद ही कभी युद्ध करने युद्ध भूमि में गया हो वो महान हो गया और राणा प्रताप का प्रताप धूमिल हो गया.... 

आज भी मुगल शासकों के बड़े बड़े मकबरे है जिन का संरक्षण पुरातत्व विभाग द्वारा कि
युगों से शौर्य की अमिट निशानी हूँ ! 
पहचानो मुझे कि मैं हल्दीघाटी हूँ!! 
खून से हुई लाल जहाँ की भूमि
वीरों के रक्त से बनी मैं रक्त तलाई हूँ!!
अकबर का घटा "मान "  और
प्रताप का बढ़ा प्रताप जहाँ
जहाँ है चेतक की स्वामीभक्ति 
झाला मान के बलिदान की कहानी हूँ 
पहचानो मुझे कि मैं हल्दीघाटी हूँ...!!! 18 जून 1576 हल्दीघाटी का युद्ध दिवस....  वो युद्ध जिसके कारण अकबर का मेवाड जितने का सपना अधूरा रह गया.... जाने कौन वो इतिहासकार हैं जो कहते हैं कि इसमें महाराणा प्रताप की हार हुई थी जबकि मेवाड के मुट्ठी भर वीरों ने अकबर की तथा कथित महान सेना को पीछे खदेड़ दिया था और युद्ध अनिर्णित रहा.... अकबर जो अपने शासन काल में  शायद ही कभी युद्ध करने युद्ध भूमि में गया हो वो महान हो गया और राणा प्रताप का प्रताप धूमिल हो गया.... 

आज भी मुगल शासकों के बड़े बड़े मकबरे है जिन का संरक्षण पुरातत्व विभाग द्वारा कि