फरोजाँ-ए-जहन मरता जा रहा है वहम नुक्ता-चीं संवरता जा रहा है लाख बहाने मिला सावन के 'कुंअर' मौसम निरन्तर बिगड़ता जा रहा है कुंअर अरुण Poet&writer lyricits shayar Instagram @kunwar_shayar लाख बहाने मिला सावन के '#कुंअर' मौसम निरन्तर बिगड़ता जा रहा है