तेरी हार , ज़माने की जीत है ग़र दावा कर और मेरी पहचान ले ले ।। ग़र छत टपकने लगी है , टिप - टिप , रो मत , मेहनत कर , नया मकान ले ले ।। सच है तू ग़र , मैं शामिल हूं तेरे सबूत में यकीन ना हो , मेरी ज़ुबाँ ले ले ।। थक गया दौड़ते - दौड़ते , तू अगर ज़िन्दगी से मिलकर , हिसाब ले ले ।। संघर्ष करना जानना चाहते हो तो सुनो , हाथ मे पेन ओर किताब ले ले।। A freelancer writer is here...