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एक ग़ज़ल तुझे यादों से मैं आज़ाद करके। बहुत रोया हूँ

 एक ग़ज़ल

तुझे यादों से मैं आज़ाद करके।
बहुत रोया हूँ दिल नाशाद करके।

तमन्नाओं की गठरी बांध ली है।
चला जाऊँगा तुझको याद करके।
 एक ग़ज़ल

तुझे यादों से मैं आज़ाद करके।
बहुत रोया हूँ दिल नाशाद करके।

तमन्नाओं की गठरी बांध ली है।
चला जाऊँगा तुझको याद करके।