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"जश्न ए आजादी" मनोभाव से आजाद यदि हो जश्न ए आजा



"जश्न ए आजादी"

मनोभाव से आजाद यदि हो
जश्न ए आजादी साकार तभी हो

द्वेष,कटुता मानव का भेद नहीं हो
नारी का सम्मान बेटी भी सुरक्षित हो

बेरोजगारी,गरीबी सड़कों पर
दीप जले शिक्षा का भूखमरी न कहीं हो

जाति पाती का भेद व्यर्थ है 
मानवता पर आघात नहीं हो

मातृभूमि गांव,शहर स्वच्छ तभी हो 
जन जीवन जब एकजुट हो

अन्न उगे धरती से खेतों में हरियाली हो
श्वेत सी सुंदर भारत मां का आंचल हो

पीले पीले सरसों उपजे
मातृभूमि स्वर्णिम प्रतीत हो

मनोभाव से आजाद यदि हो
जश्न ए आजादी साकार तभी हो..

©Preeti Jaiswal..Vijjy
  #preetijaiswalvijjy.."जश्न ए आजादी..✍️

#Preetijaiswalvijjy.."जश्न ए आजादी..✍️ #कविता

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