वर्दीवाले कहलाते हैं। वर्दी वाले कहलाते हैं। "जिनके कांधों पर भार रखा, जन जन की अभिलाषाओं का। जो धरती पर अपवाद बनें मानव की परिभाषाओं का । मानव का जो तन रखकर भी निज अधिकारों से वंचित होते । जो तुम्हे सुरक्षित रखने को, खुद रात रात भर ना सोते । जो सब की खुशियों की खातिर , खुद की खुशियां सुलगाते हैं। वर्दी वाले कहलाते हैं, वर्दीवाले कहलाते हैं । *********************