जिसके पिता सूर्य थे, माता कुंती सती कुमारी, उसका पलना हुआ धार पर बहती हुई पिटारी। सूत-वंश में पला, चखा भी नहीं जननि का क्षीर, निकला कर्ण सभी युवकों में तब भी अद्भुत वीर। ©bunny #रश्मिरथी