ज़िन्दगी की दौड़ में तज़ुर्बा कच्चा ही रह गया हम सिख ना पाए फरेब और दिल बच्चा ही रह गया बचपन में जहाँ चाहा हस लेते थे जहाँ चाहा रो लेते थे पर अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए और आंसू को तन्हाई हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज़ में देखा है आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों में चलो मुस्कुराने की वजह ढूंढते हैं ज़िन्दगी तुम हमें ढूंढो हम तुम्हे ढूंढते हैं.....। #ज़िन्दगी #की #दौड़में #yqbaba #yqquotes #gourav_writes #myquote