संकारे बीनती जहाँ चावल अम्मा वो नीम की छाँव छोड़ आये हैं रिहा कर दे ऐ शहर गिरफ्त से अपनी हम अपना गाँव छोड़ आये हैं #shayari #Abhishekdwivedi