बहुत बैचेनी है इस दिल में ना इंतज़ार होता है ना बर्दाश्त होता है बस दिन रात ख़ुद से सवाल होता हैं मेरा होना ग़लत है या मैं ग़लत हूं हर घड़ी जहान में बावल होता है बस नजाने किस भँवर में फंसी हूं उलझन इतनी है कि कुछ सुलझता नहीं जाने ज़िन्दगी के किस मोड़ पर खड़ी हूं ना मंजिल मिलती है ना रास्ता ख़तम होता है सफ़र का एक एक हिस्सा मर रहा है कितना ख़ुद को यादों के सहारे जिंदा रखूं काश ये कशमकश की ज़िन्दगी ख़तम होती ना हम होते ना ग़म और ना दर्द होते किसी कि ज़िन्दगी से तो बेदखल होते ज़हर सी है ये दुनिया खुद को बचा नहीं सकते ला इलाज है सब किसी को बता नहीं सकते माना बहुत मोहब्बत है तुझसे ज़िन्दगी पर पता नहीं क्यूँ जिंदगी अब तू अच्छी नहीं. Reshma Khan जिंदगी अब अच्छी नहीं लगती है... #quote ##yourquote #stories#bewafazindagi#lafzehayyat#lovequotes#lovebirds#inspiration