यह दिल्ली शहर तुम्हारी है ना उसे जलाया क्यों फिर दिल्ली शहर में आग लगाया क्यों नफरत फैलाने वाले नफरत फैलाते रहेंगे तुम्हारे दिल मे नफरत आया क्यों दिल्ली जली तुम्हारा घर भी जला बेवजह लोगो ने अपनी जान गवाया क्यों इतनी नफरत से हासिल क्या हुआ अपनी इंसानियत गवाया क्यों सारे मजहब एक साथ रहते हैं दिल्ली में अचानक इतनी नफरत आया क्यों यह दिल्ली शहर तुम्हारी हैं ना उसे जलाया क्यों फिर दिल्ली में आग लगाया क्यों दिल्ली को जलाया क्यों