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शेर और पूंजी वो आया रूप बदल कर और विश्वास दिलात

शेर और पूंजी

वो आया 
रूप बदल कर 
और विश्वास दिलाते हुए बोला,
‘शेर’
तुम कहा भटक रहे हो 
इन जंगलों में,
तुम्हे भोजन के लिए लगानी पड़ती है 
लंबी दौड़,
तय करना पड़ता है
‘पानी’ के लिए
एक लंबा सफर.....।
क्या तुम चाहते हो? 
जैसे भटक रहे हो
भटके, तुम्हारी आने वाली पीढ़ी 
उनको भी लगानी पड़े
लंबी दौड़
भोजन और पानी के लिए,
नही! न!
आओ मेरे भाई!
तुम्हे हम दिखाते है तुम्हारा भविष्य,
हम बनाएंगे तुम्हारे लिए कृत्रिम घर
समय पर भोजन मिलेगा
और समय पर पानी,
उनको हम विद्या सिखलाएंगे 
न रहेंगे वे अज्ञानी,
‘स्टेजों’ पर वे करतब करेंगे
तुम ‘चिड़ियाघर’ के उस्ताद रहोगे..
सोचो___
सुख से बीतेंगे बचे चार दिन तुम्हारे
और बढ़ जायेगी तुम्हारे शिक्षित बच्चो की हैसियत,
बस___
बदले में तुमको देना होगा
ये जंगल 
औरअपनी ‘शेरियत’।।

©Prabhat Kumar #Forest #savesahdev #sahdev #sahdev_bachao
शेर और पूंजी

वो आया 
रूप बदल कर 
और विश्वास दिलाते हुए बोला,
‘शेर’
तुम कहा भटक रहे हो 
इन जंगलों में,
तुम्हे भोजन के लिए लगानी पड़ती है 
लंबी दौड़,
तय करना पड़ता है
‘पानी’ के लिए
एक लंबा सफर.....।
क्या तुम चाहते हो? 
जैसे भटक रहे हो
भटके, तुम्हारी आने वाली पीढ़ी 
उनको भी लगानी पड़े
लंबी दौड़
भोजन और पानी के लिए,
नही! न!
आओ मेरे भाई!
तुम्हे हम दिखाते है तुम्हारा भविष्य,
हम बनाएंगे तुम्हारे लिए कृत्रिम घर
समय पर भोजन मिलेगा
और समय पर पानी,
उनको हम विद्या सिखलाएंगे 
न रहेंगे वे अज्ञानी,
‘स्टेजों’ पर वे करतब करेंगे
तुम ‘चिड़ियाघर’ के उस्ताद रहोगे..
सोचो___
सुख से बीतेंगे बचे चार दिन तुम्हारे
और बढ़ जायेगी तुम्हारे शिक्षित बच्चो की हैसियत,
बस___
बदले में तुमको देना होगा
ये जंगल 
औरअपनी ‘शेरियत’।।

©Prabhat Kumar #Forest #savesahdev #sahdev #sahdev_bachao