मुख्तलिफ (مختلف) हो अगर तुम जमाने से मुख्तलिफ, ये जरूरी नही कि तुम्हे सब हो वाकिफ़, बेशक जियो तुम बेफ़िक्र, पर चाहतों का करो न ज़िक्र, खुद पर भरोसा रखो यूं ही, जिंदगी में रास्तों की कमी नहीं, मंजिल से पहले मिलेंगे कुछ पड़ाव कहीं, जमाने से इतर, चुनो वो राह जो लगे तुम्हे सही। #different #arabic