किसी रोज़ छॉंव की तलाश में किसी रोज छांव की तलाश में वो भरी दोपहरी मार्ग में विश्राम को एक कोना छांव का ही तलाश करेगा किसी रोज जंगल की तलाश में नंगे पाव लिए थैला हाथ में भूख मिटाने को वृक्षों को ही तलाश करेगा किसी रोज ऑक्सीजन की तलाश में जिंदगी जीने के लिए शुद्ध हवा में सांस लेने के लिए उन वादियों को ही तलाश करेगा किसी दिन पानी की तलाश में लिए पतीला हाथ में वो जल के दो बूंद उन्हीं वृक्षों के नीचे ही तलाश करेगा ये स्वार्थी मनुष्य प्रकृति का नाश कर मंगल और चांद से जब उतरेगा तब फिर किसी "पृथ्वी की तलाश करेगा।" #savearreyforest #savenature #savetrees