तेरी यादों के सहारे हमने है न जाने कितने ही सावन के मौसम बेरंग गुजारे, तेरी राह तकते-तकते थक गई आँखें हमारी द्वारे पर बैठकर कब तक निहारे। आकर इंतजार खत्म करो हमारा, आकर दे दो अपनी बाहों का हमको सहारा, आकर मिटा दो बेचैनी और बेकरारी, तुम बिन नहीं है कोई इस जहाँ में हमारा। तड़पता है तुम्हारे लिए और तुम्हारे ही ख्वाबों खयालों में हरपल खोया रहता है, जिंदगी हो हमारी आकर,अपना बना लो हमें पल-पल ये दीवाना दिल कहता है। A challenge by Collab Zone🌟 ✔️समय - २२ फरवरी शाम ५ बजे तक ✔️ ४-६ पंक्तीयो में ही रचना लिखनी है । ✔️Collab करने के बाद कमेंट में done लिखना है । वरना हमारी नजरों से आपकी रचना छूट सकती हैं ।