मुकाम खोजना है, मकान खोजना है, अभी तो इस दुनिया मे अपना नाम खोजना है। नाम भी होगा और काम भी होगा, खुल के जीने के लिए एक अपना शाम भी होगा।। वक़्त भी अपना होगा, किस्से भी अपने होंगे, इस अंजान दुनिया मे सिक्के भी अपने होंगे। आज भी न हारा हूं, कल भी न हारूँगा, ज़िंदगी मे अपनी हर चोट जोर की मारूंगा।। मुकाम खोजना है, मकान खोजना है, अभी तो इस दुनिया मे अपना नाम खोजना है। नाम भी होगा और काम भी होगा, खुल के जीने के लिए एक अपना शाम भी होगा।। वक़्त भी अपना होगा, किस्से भी अपने होंगे, इस अंजान दुनिया मे सिक्के भी अपने होंगे।