#ढाल #शिक्षाविद #वो पोस्ट जिसके अर्थ गहरे भाव गहरे, जब लोग उसे नहीं पढ़ते है उसपर लिखी हूँ...... क्यूँ ऐसे ढाल दिया मुझे हास्य के बहाव में... ऐ ख़ुदा (मालिक ) जब मै पुरी सीख अपनी निचोड़ कर लिख देती हूँ शब्द पानी के प्रवाह सा बहता हुआ दिखता है बस कुछ लोग साहित्यिक रहस्य को भापते है आलोचना स्वीकार्य है, नजरअंदाजगी इस कदर तेरी हर बार सालती (चुभती )हैl ©Mallika #Thoughts