आफ़्ताब-ए-ज़ीस्त दुरूस्त तो है न । फड़फड़ाती लौ की दिशा जानो क्या है ।। आफ़्ताब-ए-ज़ीस्त -ज़िंदगी का सूरज ©️✍️सतिन्दर आफ़्ताब-ए-ज़ीस्त दुरूस्त तो है न । फड़फड़ाती लौ की दिशा जानो क्या है ।। आफ़्ताब-ए-ज़ीस्त -ज़िंदगी का सूरज ©️✍️सतिन्दर #kuchलम्हेंज़िन्दगीke #satinder #सतिन्दर #नज़्म