जरा देखो तो, उस विक्लांग बच्चे के सीने में कितना दर्द है। कि कभी तो सोचो उदय कि आज तेरे अपनों को कितना दर्द है। हां, प्यार-मोहब्बत, हुसन-वुशन, आज किसी की बातें नहीं करते, परोश घूम कर देखतें हैं, किस दरवाज़ें के बाहर कितना दर्द है। टूटे आंसुओं और फरियादों के धूल भरपूर हैं मेरी गली में, कोई गुजर के मेहशूस करे तो समझे, इस गली में कितना दर्द है। चेहरे से जिस्म तक लोग तो नकली चमक धमक ओढ़े फिरतें हैं, पहुंचो उनके दिलों तक तो समझो, उनके दिलों में कितना दर्द है। Abroad settle हो जाने पर खुश हो जातें है कुछ लोग मगर, कभी उनके मां- बापो से पूछो कि उनके जाने पर कितना दर्द है। #Nubastu...... #Nubastu.Dilse........... #leftalone Priya dubey Rajesh rajak Anshula Thakur Anshu writer 🌹Adhoori Khwahish🌹