जिदंगी जहानुम सी हो गई है, बादल भी बारसना छोड़ दिए हैं, आत्मविश्वास खत्म सा हो गया है रास्ते मकबूल हो गए हैं,मन खोखला और उम्मीदे खुदा को राज़ी हो गई हैं ! विश्वास समापन की ओर है और आज ये किताब धीमे-धीमें बंद सी हो रही हैं! ©Vikram jat जीवन का सार ........... #truthoflife #Onestand#unithaveexistance#