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My poem in Hindi... है लहू की पूकार है क्या बंदे

 My poem in Hindi...

है लहू की पूकार है 
क्या बंदे तु तैयार है ?

अब आजादी की शाम भी बीती है 
जश्न  की आतीष-बाजी थम चुकी हैं 
रोशनीयोंके दीप बुझ चुके हैं
 My poem in Hindi...

है लहू की पूकार है 
क्या बंदे तु तैयार है ?

अब आजादी की शाम भी बीती है 
जश्न  की आतीष-बाजी थम चुकी हैं 
रोशनीयोंके दीप बुझ चुके हैं