पता नहीं कहाँ चले जा रहे हैं ! चले जा रहे हैं... पता नही कहाँ, मगर चले जा रहे है सुकून की तलाश में , मगर सूकून से ही दूर जाने कहा लेकर जायेंगी हमको ,ये रास्तो की पगडंडियां.. मगर फिर भी चले जा रहे हैं... मेरी कलम ®sadikmehar...77 ...77