सोने की चिड़िया सा था दिल मेरा, इस अंग्रेज़ 'लऊ' ने कम्बख़त अपना उपनिवेश बना लिया, और अब तो आलम ऐसा है कि धड़कनें रूकने को आमदा है, और सांसों की चीख ने मेरे ज़र्रे ज़र्रे को परेशां कर रखा है, पर ज़रा हमारी काबिलियत तो देखिए जनाब! पीठ पर खंज़र है और लबों पर........ अब भी 'मुस्कान'।। #yqdidi #smpoetry #latenightthought #love #breakup #yqhindi #hindipoetry