आकाशदीप सा जलता हूँ तुम दीपशिखा जैसी जलना कभी घिरा तिमिर घन छाया हो बदली में चांद समाया हो निस्तेज प्राण सी काया हो स्नेह सुधा बनकर सांसों में अविरल बहना तुम दीपशिखा जैसी जलना। प्रीति # दीपशिखा#आकाशदीप #प्रेम #yqbaba #yqdidi #tumjaise Thanks Stuti Singhal for nomination.