ये चूड़ियों की खनक मुझे सुनाती क्यों हो ये अदायें मुझको दिखाती क्यों हो सबसे तो गुफ्तुगु करती हो हँस हँसकर मेरी ही सामने नजरें झुकाती क्यों हो यूँ जुल्फों से ढक लेती हो चांद सा मुखड़ा अपना सुलझाते वक्त इन्हें हटाती क्यों हो ©yashomitra singh #julfe