कुछ ख्वाहिशे अधूरी सी ( Full Poem In Caption ) One of the my fab poem !! कुछ ख्वाहिशें अधूरी सी!! कभी रात भर जगाती हैं । कभी रास्ते भर भगाती हैं ।। कुछ ख्वाहिशें अधूरी सी कभी बन्द ऑखों के सामने आ जाती।