याद है जब वो 50 के हुए, तब उनका पहला जन्मदिन आया, चौक गए हॉ, भई जब वो 50 के हुए, तब उनका पहला जन्मदिन आया, मैने, बाबुजी का पहला जन्मदिन मनाया सारे घर मे एक माहौल सा छाया वाह वाह क्या केक बनाया पहले कभी जन्मदिन नही मना था और न ऐसा केक बना था अम्माजी नानी अण्डा तक नही खाती थी पर गोलू ने बनाया केक, तो चाव से खाती थी उसके बाद तो आए जन्मदिन अनेक कही इसके कही उसके और वो रेडीमेड केक मुझे तो लगता वो झूठ भी कहते थे एक्सीडेंट के बहाने 31 को घर पे रहते थे के कोई तो 1 को आएगा और मेरा जन्मदिन मनाएगा गोलू अपने हाथ से फिर वही केक बनाएगा लौटा हुआ वक्त क्या कभी आता है अब कोई त्योहार नही मनाता है अब ना अम्मा न बाबूजी आएंगे हमें न पता था के वो ऐसे जाएंगे कुछ है जो आज भी जश्न मनाते है चुपचाप गुपचुप सब एक हो जाते है हम ही बावरे थे कहॉ हो आ जाना चिल्लाते थे और ये है के शश्श्श्... कहके जश्न मनाते है अब न कोई आएगा न कोई जाएगा न कोई त्योहार मनाएगा इतनी अब बची कहॉ के , कोई किसी को बुलाएगा बस लम्हा याद आएंगा बस लम्हा याद आएंगा बस लम्हा याद आएंगा #जन्मदिन #बाबूजी #SadharanManushya ©#maxicandragon याद है जब वो 50 के हुए, तब उनका पहला जन्मदिन आया, चौक गए हॉ, भई जब वो 50 के हुए, तब उनका पहला जन्मदिन आया, मैने, बाबुजी का पहला जन्मदिन मनाया सारे घर मे एक माहौल सा छाया वाह वाह क्या केक बनाया