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वो मेरा आशना है फिर क्यों मैं उसे गैरों सा लगता हू

वो मेरा आशना है फिर क्यों मैं उसे गैरों सा लगता हूँ।
उसे पता है मेरी बरसों से आशनाई है उससे, 
फिर क्यों उसे हमारे रिश्ते का अहसास नहीं होता।
जिसतरह अर्श से गिरा पदार्थ फर्श पे आ जाता है, 
मुझे विश्वास है मेरा प्यार एक दिन मेरे पास ही आएगा।
अपने तन की आराइश तो खूब की उसने,
 पर शायद मन की नहीं, 
शायद इसीलिए मेरे पास आने से झिझकती है वो।
शायद उसे पता नहीं कि उसके साथ होने से
 फूलों से आरास्ता है मेरा रास्ता।
कब अहसास होगा उसे मेरे प्यार का, 
कब वो मुझमें आके समाएगी...
इंतजार है मुझे उस घड़ी की।

_Durgesh Bahadur Prajapati #एक_अहसास #lovequotes #lovepoetry #loveshayri #sadshayari #lovethoughts #ekanubhaw #jindagi #life #motivation
वो मेरा आशना है फिर क्यों मैं उसे गैरों सा लगता हूँ।
उसे पता है मेरी बरसों से आशनाई है उससे, 
फिर क्यों उसे हमारे रिश्ते का अहसास नहीं होता।
जिसतरह अर्श से गिरा पदार्थ फर्श पे आ जाता है, 
मुझे विश्वास है मेरा प्यार एक दिन मेरे पास ही आएगा।
अपने तन की आराइश तो खूब की उसने,
 पर शायद मन की नहीं, 
शायद इसीलिए मेरे पास आने से झिझकती है वो।
शायद उसे पता नहीं कि उसके साथ होने से
 फूलों से आरास्ता है मेरा रास्ता।
कब अहसास होगा उसे मेरे प्यार का, 
कब वो मुझमें आके समाएगी...
इंतजार है मुझे उस घड़ी की।

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