घर में बैठना नहीं है कोई सज़ा परिवार के बीच कुछ पल बिता कर देखो इन पलों में है कितना मज़ा चलो बच्चों के साथ फिर से बच्चे बन जाते हैं मुफ्त में मिले इन लम्हों को यूं ही नहीं गवांते हैं कुछ अपना कुछ उनका जी बहलाते हैं खेल के बचपन वाले भूले बिसरे खेल ताकि किसी को ना लगे यह घर अपना जेल घर में मां बहन बीवी का हाथ भी बंटाते रहो जो भी पके किचन में मिलबांट के खाते रहो अब समझ में आएगी हमें अहमियत किफायत की जो बनेगा खाना होगा गुंजाइश ही नहीं शिकायत की यह घबराने की घड़ी नहीं है दोस्तों यह हमारी हिम्मतों तो का इम्तिहान हैं साफ-सफाई अपना कर घर में ही रहकर दिखा देंगे हमको कोरोना को पास होकर बस याद रहे यह दूरी कोरोना से है मानवता से नहीं हम कोरोना को दिखा देंगे कि मानवता ही महान है हमें हर हाल में उत्तीर्ण करना हैं यह जो मानवता का इम्तिहान है #भाटिया रेखा #घर में रहना कोई सज़ा नहीं