यह सफर इश्क का है राज़ संभल कर बढ़ना, उभरे तो निखरोगे डूबे तो बिखरोगे, मौत चाहोगे नसीब नहीं होंगी, खुद को ढूंढने की कोशिश में सिर्फ उसी की यादें होंगी, उभरने की हिम्मत है तो इश्क करना, निखरने की चाहत है तो इश्क करना । ©Rajeev Gupta #lunar #Rajeevgupta