रहबर मिला ना, मरहम मिला ज़िंदगी में ख़्वाबों में मिला ना वो मिला हक़ीक़त में अब तन्हाई सताएगी यही बचा ज़िंदगी में विरह आया सावन बनकर अब ज़िंदगी में 👉🏻 प्रतियोगिता- 641 विषय 👉🏻 🌹"रहबर"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I 🌟कृपया font size छोटा रखें जिससे wallpaper ख़राब नहीं लगे और Font color का भी अवश्य ध्यान रखें ताकि आपकी रचना visible हो। 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।