ये दाड़ियाँ, ये तिलकधारियाँ नहीं चलतीं, हमारे अहद में मक्कारियाँ नहीं चलतीं..... क़बीले वालों के दिल जोड़िए मेरे सरदार, सरों को काट के सरदारियाँ नहीं चलतीं..... - कैफ भोपाली ये दाड़ियाँ, ये #तिलकधारियाँ नहीं चलतीं, हमारे अहद में मक्कारियाँ नहीं चलतीं..... क़बीले वालों के #दिल जोड़िए मेरे #सरदार, सरों को काट के सरदारियाँ नहीं चलतीं..... - कैफ भोपाली #avi #india #quote "गुमनाम" pooja negi# Poetry Stage सुलगते लफ़ज IG-:sulagte.lafj