चुप थे चुप था वह शख़्स.. जो उस दूर समुंदर के किरनें पे बैठा हुआ नजर आ रहा था अपनें गम नजाने क्यूँ छूपा रहा था दिल में हर बात क्यूँ दाबा रहा था ये खामोशी जो उसके अंदर ही अंदर खायें जा रहीं थी उसके चेहरें पे एक कशिश सी नज़र आ रही थी उसकी हर बातों को बया करतें हुए दिखा रही थी समुंदर में भी लहरें ऊपर चढ़ते और नीचे गिरते इन आँखों में नज़र आ रही थी आसमान भी यू खिल खिला रहे थे पक्षि भी अपनें बच्चो के लिये दाना ले के घोंसले की और जा रहें थें वह शख़्स इन खूबसूरत पलों में जियें जा रहा था अपनें हर गम को इस जिस्म से मिटाये जा रहा था ©mysterious boy #PoetInYou #चुपथे #SAD #Quote #nojohindi #मेरेशब्द #MyThoughts