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मुझे नहीं लगता कि, मर्दों के अंदर अब स्त्रियों के

 मुझे नहीं लगता कि, मर्दों के अंदर अब स्त्रियों के प्रति सम्मान बची है। और सुभाष से मेरा रिश्ता टूटने का कारण यही था,
कहती हुयी नीलम की आंखें भर आई।
पर ताली तो एक हाथ से थोड़ी ना बजती है, कहीं ना कहीं...... 
चंदा की बातों को बीच में काटते हुए नीलम बोली,
जब एक हाथ के उगंलिया बंद पड़ी हो ना तो ताली नही बजती...सुभाष का मेरे प्रति कोई सम्मान नहीं था, फिर तलाक लेने के अलावा कोई उपाय नहीं था मेरे पास।
चंदा हंसते हुए बोली, स्त्रियों के सम्मान, वो भी मर्दों से.. नीलम! "हम गुलाब के पेड़ हैं, और यह जिस्म गुलाब का फूल, जिसको उपयोग करने के लिए तोड़ा जाता है"
और रही बात सुभाष कि, तो तुझ से तलाक लेने के बाद, मालती को दिल दे बैठा।
सुना है मालती बेवा हैं, हायय् ! कितना सम्मान करता है स्त्री का।
 मुझे नहीं लगता कि, मर्दों के अंदर अब स्त्रियों के प्रति सम्मान बची है। और सुभाष से मेरा रिश्ता टूटने का कारण यही था,
कहती हुयी नीलम की आंखें भर आई।
पर ताली तो एक हाथ से थोड़ी ना बजती है, कहीं ना कहीं...... 
चंदा की बातों को बीच में काटते हुए नीलम बोली,
जब एक हाथ के उगंलिया बंद पड़ी हो ना तो ताली नही बजती...सुभाष का मेरे प्रति कोई सम्मान नहीं था, फिर तलाक लेने के अलावा कोई उपाय नहीं था मेरे पास।
चंदा हंसते हुए बोली, स्त्रियों के सम्मान, वो भी मर्दों से.. नीलम! "हम गुलाब के पेड़ हैं, और यह जिस्म गुलाब का फूल, जिसको उपयोग करने के लिए तोड़ा जाता है"
और रही बात सुभाष कि, तो तुझ से तलाक लेने के बाद, मालती को दिल दे बैठा।
सुना है मालती बेवा हैं, हायय् ! कितना सम्मान करता है स्त्री का।
altafhusain4193

Altaf Husain

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