"लड़कपन" में था देखा एक 'सपना' ना जाने बन गया, वाे कब अपना.. बादलों की दुनिया और 'उड़नखटोले' थोड़ा तुम चलो, संग' हम भी होलें.. फिर चाहे हर गम सह लूँ मैं, बस.. उस पल को इतना जी लूँ मैं... लड़कपन के वो सपने.. ##सपने लड़कपन के## nojoto hindi## ishu Sharma