सूक्ष्म बीज से प्रेमअंकुरित हुआ है,मुख पर आभा पल्लवित हुई है, परिवर्तन न मुझमें हुआ हैं ना उसमें हुआ है, मैं भी वही वो भी वही है, तुम ही मेरे मुस्कुराने की वजह हो,जब से यह तेरा हसीं साथ मिला है, अबसार तरसे थे तेरे दर्श ए दीदार को,चश्म को सुकून अब मिला है, दिल ए तम्मना का अब अंत हुआ,इबादत ए खुदा एक नूर मिला है, तेरा साथ ही मेरा जुनून ए होसला है, तू जो नेक कोहिनूर मिला है। Challenge-5 #collabwithप्रेमलेखन #प्रेमलेखन #मुस्कुराने_की_वजह_तुम_हो 👔- सभी लेखक अपनी रचना 6 लाईन में लिखें । 👔- इस प्रतियोगिता का विजेता कल शाम 7 बजे टेस्टीमोनियल के माध्यम से घोषित किया जायेगा । 👔- सभी लेखक ज्यादा से ज्यादा कोलब करें । 👔- धन्यवाद । #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine